नागपुर, जून: मानसून का आगमन किसानों के लिए न सिर्फ खेती की शुरुआत का संकेत है, बल्कि यह वृक्षारोपण का भी सबसे उपयुक्त समय है। ‘मानसून पर्व’ के अवसर पर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे टिम्बर और फलदार पौधों का अधिक से अधिक रोपण करें।
टिम्बर पौधे जैसे सागौन, महोगनी, शीशम, मेलिआ डबिया (मालाबार नीम) और बांस लंबे समय में भारी आर्थिक लाभ देते हैं। ये पौधे पर्यावरण को स्वच्छ बनाने, कार्बन अवशोषण और मिट्टी संरक्षण में भी सहायक हैं। वहीं, आम, अमरूद, जामुन, नींबू जैसे फलदार पौधे कुछ वर्षों में फल देना शुरू करते हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है।
खेती के साथ-साथ पौधरोपण से किसान दीर्घकालिक आर्थिक सुरक्षा पा सकते हैं। खेत की मेड़, बंजर भूमि या खेत के किनारों पर इन पौधों को लगाने से भूमि का पूरा उपयोग हो सकता है। वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण को संतुलित करता है, बल्कि यह जलस्तर बढ़ाने, भूमि कटाव रोकने और जैव विविधता को बनाए रखने में भी सहायक होता है।
सरकार और कृषि विभाग भी विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी के माध्यम से पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहे हैं। आइए इस मानसून पर्व पर एक पेड़ लगाने का संकल्प लें — यह न सिर्फ हमारे खेतों को हरा-भरा बनाएगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी लाभ पहुंचाएगा।
पौधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए भारतवर्ष नेचर फार्म्स, मो: 8650214214 पर संपर्क करें।
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